उपेंद्र कुशवाहा के आने से बिहार में कितना ताक़तवर होगा महागठबंधन?: नज़रिया
बिहार में 2019 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी पार्टियों ने एकजुट होने की कवायद शुरू कर दी है. गुरुवार को राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा इस महागठबंधन में शामिल हो गए हैं. यह क्या स्वरूप लेगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इतना तो ज़रूर है कि यह एनडीए के लिए एक झटका तो है ही. जो वोट एनडीए के पक्ष में थे यदि वो प्रभावित होते हैं तो जाहिर है यह बीजेपी-जेडीयू गठबंधन के लिए नुकसानदेह होगा. लालू यादव ने उदारता दिखाई ये स्पष्ट नहीं है. सीटों के मामले में जो उनकी बीजेपी-जेडीयू से मांग थी उसमें उन्हें लाभ मिल सकता है लेकिन कुशवाहा ने यह भी कहा कि सीटों का मसला अब उनकी प्राथमिकता में नहीं है. तो नए गठबंधन में उनकी हिस्सेदारी कैसी होगी, यह देखना बाकी है. कुशवाहा ने कहा कि बीजेपी-जेडीयू के साथ उनका अपमान हो रहा था. कुशवाहा के दबाव वाले बयान और तेवर, दोनों की बीजेपी ने अनदेखी की. 'जाना हो तो जाइये' वाला रुख अपनाया. इसमें बीजेपी से ज़्यादा जेडीयू और खास कर नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा को एनडीए से अलग होने देने में बड़ी भूमिका निभाई. ये भी सोच